शुभकीर्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText">काष्ठा संघ के माथुरगच्छ में देवकीर्ति के शिष्य। कृति - शांतिनाह चरिउ। समय - देवकीर्ति ने वि.1141 में मूर्ति की प्रतिष्ठा कराई। तदनुसार वि.श.15। ( | <span class="HindiText">काष्ठा संघ के माथुरगच्छ में देवकीर्ति के शिष्य। कृति - शांतिनाह चरिउ। समय - देवकीर्ति ने वि.1141 में मूर्ति की प्रतिष्ठा कराई। तदनुसार वि.श.15। <span class="GRef">(तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरी/3/412)</span>।</span> | ||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
काष्ठा संघ के माथुरगच्छ में देवकीर्ति के शिष्य। कृति - शांतिनाह चरिउ। समय - देवकीर्ति ने वि.1141 में मूर्ति की प्रतिष्ठा कराई। तदनुसार वि.श.15। (तीर्थंकर महावीर और उनकी आचार्य परंपरी/3/412)।