प्रेक्षाशाला: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> समवसरण में गोपुरों के आगे वीथियों की दोनों ओर निर्मित तीन-तीन खंड की नाट्यशालाएँ । इनमें बत्तीस-बत्तीस देव-कन्याएँ नृत्य करती है । <span class="GRef"> महापुराण 22.260, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57.27-93 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समवसरण में गोपुरों के आगे वीथियों की दोनों ओर निर्मित तीन-तीन खंड की नाट्यशालाएँ । इनमें बत्तीस-बत्तीस देव-कन्याएँ नृत्य करती है । <span class="GRef"> महापुराण 22.260, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#27|हरिवंशपुराण - 57.27-93]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
समवसरण में गोपुरों के आगे वीथियों की दोनों ओर निर्मित तीन-तीन खंड की नाट्यशालाएँ । इनमें बत्तीस-बत्तीस देव-कन्याएँ नृत्य करती है । महापुराण 22.260, हरिवंशपुराण - 57.27-93