पिंगल: Difference between revisions
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सिद्धांतकोष से
चक्रवर्ती की नव निधियों में से एक - देखें शलाका पुरुष - 2।
पुराणकोष से
(1) चक्रवर्ती की नौ निधियों में दिव्याभरण उत्पन्न करने वाली एक निधि । महापुराण 37.80, हरिवंशपुराण 11.122
(2) वसुदेव तथा उसकी रानी प्रभावती का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.63
(3) एक नृप । पद्मपुराण 96.29-50
(4) चक्रपुर नगर के राजा चक्रध्वज के पुरोहित धूमकेश का पुत्र । अंत में विरक्त हो इसने दिगंबर दीक्षा धारण की थी । मरकर यह महाकाल नामक असुर हुआ । इसने पूर्व विरोधवश भामंडल को मारने के लिए उसके उत्पन्न होने की प्रतीक्षा की थी किंतु भामंडल के उत्पन्न होते ही इसके विचार बदल गये थे अत यह भामंडल को कुंडल पहनाकर तथा उसे पर्णलध्वी विद्या देकर सुखकर स्थान में छोड़ गया था । पद्मपुराण 26. 4-44, 113-119
(5) एक नगर रक्षक । यह पुंडरीकिणी नगरी के राजा सुरदेव का जीव था । महापुराण 46.356
(6) वसुदेव का पुत्र । हरिवंशपुराण 48.63