सुगत: Difference between revisions
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<span class="GRef"> समाधिशतक/टीका/2/223/2 </span><span class="SanskritText">शोभनं गतं ज्ञानं यस्यासौ सुगत:, सुष्ठु वा अपुनरावर्त्यगति गतं, संपूर्णं वा अनंतचतुष्टयं गत: प्राप्त: सुगत:।</span> =<span class="HindiText">जिसका ज्ञान शोभा को प्राप्त हुआ है वह सुगत है। अथवा जो उत्तम मोक्ष गति को प्राप्त हुआ है, अथवा जिसमें संपूर्ण अनंत चतुष्टय प्राप्त हुए हैं, वह सुगत है। (<span class="GRef"> द्रव्यसंग्रह टीका/14/47 </span>)।</span> | |||
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Revision as of 15:14, 21 March 2023
समाधिशतक/टीका/2/223/2 शोभनं गतं ज्ञानं यस्यासौ सुगत:, सुष्ठु वा अपुनरावर्त्यगति गतं, संपूर्णं वा अनंतचतुष्टयं गत: प्राप्त: सुगत:। =जिसका ज्ञान शोभा को प्राप्त हुआ है वह सुगत है। अथवा जो उत्तम मोक्ष गति को प्राप्त हुआ है, अथवा जिसमें संपूर्ण अनंत चतुष्टय प्राप्त हुए हैं, वह सुगत है। ( द्रव्यसंग्रह टीका/14/47 )।