अर्थावग्रह: Difference between revisions
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class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/18/117/6 व्यक्तग्रहणात् प्राग्व्यंजनाग्रहः व्यक्तग्रहणमर्थावग्रहः।</p> | class="SanskritText">सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/18/117/6 व्यक्तग्रहणात् प्राग्व्यंजनाग्रहः व्यक्तग्रहणमर्थावग्रहः।</p> | ||
<p class="HindiText">= व्यक्त ग्रहण से पहिले पहिले व्यंजनावग्रह होता है और व्यक्त ग्रहण का नाम अर्थावग्रह है।</p> | <p class="HindiText">= व्यक्त ग्रहण से पहिले पहिले व्यंजनावग्रह होता है और व्यक्त ग्रहण का नाम ''अर्थावग्रह'' है।</p> | ||
<p class="HindiText"> अन्य परिभाषाओं और अधिक जानकारी के लिए देखें [[ अवग्रह#3 | अवग्रह-2.4]]</p> | <p class="HindiText"> अन्य परिभाषाओं और अधिक जानकारी के लिए देखें [[ अवग्रह#3 | अवग्रह-2.4]]</p> |
Revision as of 22:24, 28 October 2022
सर्वार्थसिद्धि अध्याय 1/18/117/6 व्यक्तग्रहणात् प्राग्व्यंजनाग्रहः व्यक्तग्रहणमर्थावग्रहः।
= व्यक्त ग्रहण से पहिले पहिले व्यंजनावग्रह होता है और व्यक्त ग्रहण का नाम अर्थावग्रह है।
अन्य परिभाषाओं और अधिक जानकारी के लिए देखें अवग्रह-2.4