अर्थाधिगम: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="SanskritText">प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 93/ | <p class="SanskritText">प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 93/118/28 परमार्थ विनिश्चयाधिगमशब्देन सम्यक्त्वं कथं भण्यत इति चेत्। परमोऽर्थः परमार्थः शुद्धबुद्धै कस्वभावः परमात्मा, परमार्थस्य विशेषणेण संशयादिरहितत्वेन निश्चयः परमार्थ निश्चयरूपोऽधिगमः। </p> | ||
<p class="HindiText">= | <p class="HindiText">= परमार्थ विनिश्चय अधिगम का अर्थ सम्यक्त्व है। सो कैसे?-परम अर्थ अर्थात् परमार्थ अर्थात् शुद्ध बुद्ध एक स्वभावी परमात्मा। परमार्थ के विशेषण द्वारा संशयादि रहित निश्चय को परमार्थ निश्चयरूप अधिगम कहा गया है। </p> | ||
<p> अधिगम और अन्य सम्बन्धित जानकारी के लिए देखें [[ अधिगम ]] </p> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Revision as of 08:28, 5 November 2022
प्रवचनसार / तात्पर्यवृत्ति टीका / गाथा 93/118/28 परमार्थ विनिश्चयाधिगमशब्देन सम्यक्त्वं कथं भण्यत इति चेत्। परमोऽर्थः परमार्थः शुद्धबुद्धै कस्वभावः परमात्मा, परमार्थस्य विशेषणेण संशयादिरहितत्वेन निश्चयः परमार्थ निश्चयरूपोऽधिगमः।
= परमार्थ विनिश्चय अधिगम का अर्थ सम्यक्त्व है। सो कैसे?-परम अर्थ अर्थात् परमार्थ अर्थात् शुद्ध बुद्ध एक स्वभावी परमात्मा। परमार्थ के विशेषण द्वारा संशयादि रहित निश्चय को परमार्थ निश्चयरूप अधिगम कहा गया है।
अधिगम और अन्य सम्बन्धित जानकारी के लिए देखें अधिगम