नरपति: Difference between revisions
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<p class="HindiText">―(म.पु./६१/८९-९०) मघवान चक्रवर्ती का पूर्व का दूसरा भव है। यह उत्कृष्ट तपश्चरण के कारण मध्यम ग्रैवेयक में अहमिन्द्र उत्पन्न हुआ था।</p> | |||
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Revision as of 17:16, 25 December 2013
―(म.पु./६१/८९-९०) मघवान चक्रवर्ती का पूर्व का दूसरा भव है। यह उत्कृष्ट तपश्चरण के कारण मध्यम ग्रैवेयक में अहमिन्द्र उत्पन्न हुआ था।