निकाय: Difference between revisions
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(स.सि./४/१/२३६/८) <span class="SanskritText">देवगतिनामकर्मोदयस्य स्वकर्मविशेषापादितभेदस्य सामर्थ्यान्निचीयन्त इति निकाया: इति निकाया: संघाता इत्यर्थ:। </span>=<span class="HindiText">अपने अवान्तर कर्मों से भेद को प्राप्त होने वाले देवगति नामकर्म के उदय की सामर्थ्य से जो संग्रह किये जाते हैं वे निकाय कहलाते हैं। (रा.वा./४/१/३/२११/१३)। </span> | |||
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Revision as of 17:16, 25 December 2013
(स.सि./४/१/२३६/८) देवगतिनामकर्मोदयस्य स्वकर्मविशेषापादितभेदस्य सामर्थ्यान्निचीयन्त इति निकाया: इति निकाया: संघाता इत्यर्थ:। =अपने अवान्तर कर्मों से भेद को प्राप्त होने वाले देवगति नामकर्म के उदय की सामर्थ्य से जो संग्रह किये जाते हैं वे निकाय कहलाते हैं। (रा.वा./४/१/३/२११/१३)।