शैल भद्र: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/6/42</span><span class="PrakritText">अहमणिपुण्ण सेलमणो भद्दा भद्दका सुभद्दा य। तह सव्वभद्दमाणुसघणपालसरूवजक्खक्खा।42। जक्खुत्तममणहरणा ताणं ये माणिपुण्णभद्दिंदा...।43।</span> = <span class="HindiText">माणिभद्र, पूर्णभद्र, '''शैलभद्र''', मनोभद्र, भद्रक, सुभद्र, सर्वभद्र, मानुष, धनपाल, स्वरूपयक्ष, यक्षोत्तम और मनोहरण ये बारह यक्षों के भेद हैं।42। इनके माणिभद्र और पूर्णभद्र ये दो इंद्र हैं। | <span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/6/42</span><span class="PrakritText">अहमणिपुण्ण सेलमणो भद्दा भद्दका सुभद्दा य। तह सव्वभद्दमाणुसघणपालसरूवजक्खक्खा।42। जक्खुत्तममणहरणा ताणं ये माणिपुण्णभद्दिंदा...।43।</span> = <span class="HindiText">माणिभद्र, पूर्णभद्र, '''शैलभद्र''', मनोभद्र, भद्रक, सुभद्र, सर्वभद्र, मानुष, धनपाल, स्वरूपयक्ष, यक्षोत्तम और मनोहरण ये बारह यक्षों के भेद हैं।42। इनके माणिभद्र और पूर्णभद्र ये दो इंद्र हैं। <span class="GRef">( त्रिलोकसार/265-266 )</span>। | ||
<span class="HindiText">यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद - देखें [[ यक्ष ]]। </span> | <span class="HindiText">यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद - देखें [[ यक्ष ]]। </span> |
Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
तिलोयपण्णत्ति/6/42अहमणिपुण्ण सेलमणो भद्दा भद्दका सुभद्दा य। तह सव्वभद्दमाणुसघणपालसरूवजक्खक्खा।42। जक्खुत्तममणहरणा ताणं ये माणिपुण्णभद्दिंदा...।43। = माणिभद्र, पूर्णभद्र, शैलभद्र, मनोभद्र, भद्रक, सुभद्र, सर्वभद्र, मानुष, धनपाल, स्वरूपयक्ष, यक्षोत्तम और मनोहरण ये बारह यक्षों के भेद हैं।42। इनके माणिभद्र और पूर्णभद्र ये दो इंद्र हैं। ( त्रिलोकसार/265-266 )।
यक्ष जाति के व्यंतर देवों का एक भेद - देखें यक्ष ।