निषेकहार: Difference between revisions
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गो.क./मू./९२८/११११–<span class="PrakritText">दोगुणहाणिपमाणं णिसेयहारो दु होइ।</span>=<span class="HindiText">गुणहानि के प्रमाण का दुगुना करने से दो गुणहानि होती है, उसी को निषेकहार कहते हैं। (विशेष देखें - [[ गणित#II.5 | गणित / II / ५ ]]) </span> | |||
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Revision as of 17:16, 25 December 2013
गो.क./मू./९२८/११११–दोगुणहाणिपमाणं णिसेयहारो दु होइ।=गुणहानि के प्रमाण का दुगुना करने से दो गुणहानि होती है, उसी को निषेकहार कहते हैं। (विशेष देखें - गणित / II / ५ )