पंचमेरु: Difference between revisions
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<p>जंबूद्वीप के पूर्व-पश्चिम दिशावर्ती दो मेरु । धातकीखंड के दो मेरु तथा पुष्करवर द्वीप का एक मेरु । इनके आगे मनुष्यों का गमन नहीं है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.494,513, 576-577 </span></p> | <p>जंबूद्वीप के पूर्व-पश्चिम दिशावर्ती दो मेरु । धातकीखंड के दो मेरु तथा पुष्करवर द्वीप का एक मेरु । इनके आगे मनुष्यों का गमन नहीं है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#494|हरिवंशपुराण - 5.494]],513, 576-577 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
निम्न पाँच मेरु -
जंबूद्वीप के पूर्व-पश्चिम दिशावर्ती दो मेरु । धातकीखंड के दो मेरु तथा पुष्करवर द्वीप का एक मेरु । इनके आगे मनुष्यों का गमन नहीं है । हरिवंशपुराण - 5.494,513, 576-577