अनुवीचिभाषण: Difference between revisions
From जैनकोष
Shilpa jain (talk | contribs) No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="GRef">राजवार्तिक अध्याय 7/5,1/536/12</span> <p class="SanskritText">अनुवीचिभाषणं अनुलोमभाषणमित्यर्थः।</p> | |||
<p class="HindiText">= अनुवीचिभाषण अर्थात् विचार पूर्वक बोलना </p> | <p class="HindiText">= अनुवीचिभाषण अर्थात् विचार पूर्वक बोलना </p> | ||
<p>( | <p>(<span class="GRef">चारित्रसार /93/3</span>)।</p> | ||
< | <span class="GRef">चारित्तपाहुड/टीका/49/11</span> <p class="SanskritText">वीची वाग्लहरी तामनुकृत्य या भाषा वर्तते सोऽनुवीचिभाषा, जिनसूत्रानुसारिणी भाषा अनुवीचिभाषा पूर्वाचार्यसूत्रपरिपाटीमनुल्लंध्य भाषणीयमित्यर्थः।</p> | ||
<p class="HindiText">= वीची वाग्लहरी को कहते हैं उसका अनुसरण करके जो भाषा बोली जाती है सो अनुवीचिभाषण है। जिनसूत्र की अनुसारिणी भाषा अमुवीची भाषा है। पूर्वाचार्यकृत सूत्र की परिपाटी को उल्लंघन न करके बोलना, ऐसा अर्थ है।</p> | <p class="HindiText">= वीची वाग्लहरी को कहते हैं उसका अनुसरण करके जो भाषा बोली जाती है सो अनुवीचिभाषण है। जिनसूत्र की अनुसारिणी भाषा अमुवीची भाषा है। पूर्वाचार्यकृत सूत्र की परिपाटी को उल्लंघन न करके बोलना, ऐसा अर्थ है।</p> | ||
Revision as of 13:29, 23 December 2022
राजवार्तिक अध्याय 7/5,1/536/12
अनुवीचिभाषणं अनुलोमभाषणमित्यर्थः।
= अनुवीचिभाषण अर्थात् विचार पूर्वक बोलना
(चारित्रसार /93/3)।
चारित्तपाहुड/टीका/49/11
वीची वाग्लहरी तामनुकृत्य या भाषा वर्तते सोऽनुवीचिभाषा, जिनसूत्रानुसारिणी भाषा अनुवीचिभाषा पूर्वाचार्यसूत्रपरिपाटीमनुल्लंध्य भाषणीयमित्यर्थः।
= वीची वाग्लहरी को कहते हैं उसका अनुसरण करके जो भाषा बोली जाती है सो अनुवीचिभाषण है। जिनसूत्र की अनुसारिणी भाषा अमुवीची भाषा है। पूर्वाचार्यकृत सूत्र की परिपाटी को उल्लंघन न करके बोलना, ऐसा अर्थ है।