अपकृष्ट: Difference between revisions
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<p class="SanskritText"> क्षपणासार | <p class="SanskritText"> क्षपणासार /भाषा/588/706</p> गुणश्रेणी आदिके अर्थि जो सर्व स्थितिके द्रव्यको अपकर्षण करि ग्रहिये सो अपकृष्टि (अपकृष्ट) द्रव्य कहिए है। | ||
Revision as of 18:17, 22 November 2022
क्षपणासार /भाषा/588/706
गुणश्रेणी आदिके अर्थि जो सर्व स्थितिके द्रव्यको अपकर्षण करि ग्रहिये सो अपकृष्टि (अपकृष्ट) द्रव्य कहिए है।