हूनवंश: Difference between revisions
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<span class="GRef">कषायपाहुड़ 1/ प्रस्तावना 54/65 (पं. महेन्द्र कुमार)</span> - <span class="HindiText">लोक-इतिहास में गुप्त वंश के पश्चात् कल्की के स्थान पर हूनवंश प्राप्त होता है। इसके राजा भी अत्यन्त अत्याचारी बताये गये हैं और काल भी लगभग वही है, इसलिये कहा जा सकता है कि शास्त्रोक्त कल्की और इतिहासोक्त हून एक ही बात है।</span> | <span class="GRef">कषायपाहुड़ 1/ प्रस्तावना 54/65 (पं. महेन्द्र कुमार)</span><br> | ||
- <span class="HindiText">लोक-इतिहास में गुप्त वंश के पश्चात् कल्की के स्थान पर हूनवंश प्राप्त होता है। इसके राजा भी अत्यन्त अत्याचारी बताये गये हैं और काल भी लगभग वही है, इसलिये कहा जा सकता है कि शास्त्रोक्त कल्की और इतिहासोक्त हून एक ही बात है।</span> | |||
Latest revision as of 20:07, 16 February 2024
कषायपाहुड़ 1/ प्रस्तावना 54/65 (पं. महेन्द्र कुमार)
- लोक-इतिहास में गुप्त वंश के पश्चात् कल्की के स्थान पर हूनवंश प्राप्त होता है। इसके राजा भी अत्यन्त अत्याचारी बताये गये हैं और काल भी लगभग वही है, इसलिये कहा जा सकता है कि शास्त्रोक्त कल्की और इतिहासोक्त हून एक ही बात है।
यही कल्की राजाओं का वंश था। - देखें इतिहास - 3.4।