अग्निमित्र: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) वृषभदेव के सोलहवें गणधर । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 12.55-58 </span></p> | <p id="1" class="HindiText"> (1) वृषभदेव के सोलहवें गणधर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_12#55|हरिवंशपुराण - 12.55-58]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) महावीर के निर्वाण के दो सो पचासी वर्ष निकल जाने पर वसु और इसने साठ वर्ष तक राज्य किया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 60.487-489 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) महावीर के निर्वाण के दो सो पचासी वर्ष निकल जाने पर वसु और इसने साठ वर्ष तक राज्य किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#487|हरिवंशपुराण - 60.487-489]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) भगवान् महावीर के पूर्वभव का जीव । <span class="GRef"> महापुराण 76.533-536 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) भगवान् महावीर के पूर्वभव का जीव । <span class="GRef"> महापुराण 76.533-536 </span></p> | ||
<p id="4">(4) भारतवर्ष के रमणीकमंदिर नगर के ब्राह्मण गौतम और उसकी पत्नी कौशिकी का पुत्र, मरीचिका पूर्वभव का जीव । यह मिथ्यात्व पूर्वक मरकर माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ और वहाँ से च्युत होकर पुरातनमंदिर में भारद्वाज नामक ब्राह्मण हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 74. 76-79, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 2.121-126 </span></p> | <p id="4" class="HindiText">(4) भारतवर्ष के रमणीकमंदिर नगर के ब्राह्मण गौतम और उसकी पत्नी कौशिकी का पुत्र, मरीचिका पूर्वभव का जीव । यह मिथ्यात्व पूर्वक मरकर माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ और वहाँ से च्युत होकर पुरातनमंदिर में भारद्वाज नामक ब्राह्मण हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 74. 76-79, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 2.121-126 </span></p> | ||
<p id="5">(5) मगध देश की वत्सा नगरी का एक ब्राह्मण । इसकी दो पत्नियाँ थी । उनमें एक ब्राह्मणी थी और दूसरी वैश्या । ब्राह्मणी से शिवभूति नामक पुत्र तथा वैश्या से चित्रसेना नाम की पुत्री हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.71-72 </span></p> | <p id="5" class="HindiText">(5) मगध देश की वत्सा नगरी का एक ब्राह्मण । इसकी दो पत्नियाँ थी । उनमें एक ब्राह्मणी थी और दूसरी वैश्या । ब्राह्मणी से शिवभूति नामक पुत्र तथा वैश्या से चित्रसेना नाम की पुत्री हुई थी । <span class="GRef"> महापुराण 75.71-72 </span></p> | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
== सिद्धांतकोष से ==
1. महापुराण सर्ग संख्या 74/76 एक ब्राह्मण पुत्र था। यह वर्धमान भगवान का दूरवर्ती पूर्व का भव है - देखें महावीर।
पुराणकोष से
(1) वृषभदेव के सोलहवें गणधर । हरिवंशपुराण - 12.55-58
(2) महावीर के निर्वाण के दो सो पचासी वर्ष निकल जाने पर वसु और इसने साठ वर्ष तक राज्य किया था । हरिवंशपुराण - 60.487-489
(3) भगवान् महावीर के पूर्वभव का जीव । महापुराण 76.533-536
(4) भारतवर्ष के रमणीकमंदिर नगर के ब्राह्मण गौतम और उसकी पत्नी कौशिकी का पुत्र, मरीचिका पूर्वभव का जीव । यह मिथ्यात्व पूर्वक मरकर माहेंद्र स्वर्ग में देव हुआ और वहाँ से च्युत होकर पुरातनमंदिर में भारद्वाज नामक ब्राह्मण हुआ । महापुराण 74. 76-79, वीरवर्द्धमान चरित्र 2.121-126
(5) मगध देश की वत्सा नगरी का एक ब्राह्मण । इसकी दो पत्नियाँ थी । उनमें एक ब्राह्मणी थी और दूसरी वैश्या । ब्राह्मणी से शिवभूति नामक पुत्र तथा वैश्या से चित्रसेना नाम की पुत्री हुई थी । महापुराण 75.71-72