मोहन: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक विद्यास्त्र । वसुदेव के साले चंडवेग ने यह अस्त्र वसुदेव को दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 25.48 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) एक विद्यास्त्र । वसुदेव के साले चंडवेग ने यह अस्त्र वसुदेव को दिया था । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 25.48 </span></p> | ||
<p id="2">(2) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त तपन, तापन, मोहन विलापन और मारण इन पाँच बाणों में एक बाण । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 72.118-119 </span></p> | <p id="2">(2) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त तपन, तापन, मोहन विलापन और मारण इन पाँच बाणों में एक बाण । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 72.118-119 </span></p> | ||
<p id="3">(3) राक्षसवंशी एक विद्याधर नृप । यह भीम के बाद राजा बना था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.395 </span></p> | <p id="3">(3) राक्षसवंशी एक विद्याधर नृप । यह भीम के बाद राजा बना था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#395|पद्मपुराण -5. 395]] </span></p> | ||
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Revision as of 22:27, 17 November 2023
(1) एक विद्यास्त्र । वसुदेव के साले चंडवेग ने यह अस्त्र वसुदेव को दिया था । हरिवंशपुराण 25.48
(2) नागराज द्वारा प्रद्युम्न को प्रदत्त तपन, तापन, मोहन विलापन और मारण इन पाँच बाणों में एक बाण । हरिवंशपुराण 72.118-119
(3) राक्षसवंशी एक विद्याधर नृप । यह भीम के बाद राजा बना था । पद्मपुराण -5. 395