सकलेंद्रिय जीव: Difference between revisions
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मू.आ./218 <span class="PrakritGatha">दुविधा तसा य उत्ता विगला सगलेंदिया मुणेयव्वा। वितिचउरिंदिय विगला सेसा सगलिंदिया जीवा।218। </span><span class="HindiText">=त्रसकाय दो प्रकार कहे हैं–विकलेंद्रिय और सकलेंद्रिय। दो इंद्रिय, तेइंद्रिय, चतुरिंद्रिय इन तीनों को विकलेंद्रिय जानना और शेष | मू.आ./218 <span class="PrakritGatha">दुविधा तसा य उत्ता विगला सगलेंदिया मुणेयव्वा। वितिचउरिंदिय विगला सेसा सगलिंदिया जीवा।218। </span><span class="HindiText">=त्रसकाय दो प्रकार कहे हैं–विकलेंद्रिय और सकलेंद्रिय। दो इंद्रिय, तेइंद्रिय, चतुरिंद्रिय इन तीनों को विकलेंद्रिय जानना और शेष | ||
<span class="HindiText"> पंचेंद्रिय जीवों को सकलेंद्रिय जानना।218। (<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/5/280 </span>); (<span class="GRef"> राजवार्तिक/3/39/4/209 </span>); (<span class="GRef"> कार्तिकेयानुप्रेक्षा/128 </span>) | <span class="HindiText"> पंचेंद्रिय जीवों को सकलेंद्रिय जानना।218। (<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/5/280 </span>); (<span class="GRef"> राजवार्तिक/3/39/4/209 </span>); (<span class="GRef"> कार्तिकेयानुप्रेक्षा/128 </span>)देखें [[ इंद्रिय#4 | इंद्रिय - 4]]। | ||
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Revision as of 22:48, 21 December 2022
मू.आ./218 दुविधा तसा य उत्ता विगला सगलेंदिया मुणेयव्वा। वितिचउरिंदिय विगला सेसा सगलिंदिया जीवा।218। =त्रसकाय दो प्रकार कहे हैं–विकलेंद्रिय और सकलेंद्रिय। दो इंद्रिय, तेइंद्रिय, चतुरिंद्रिय इन तीनों को विकलेंद्रिय जानना और शेष
पंचेंद्रिय जीवों को सकलेंद्रिय जानना।218। ( तिलोयपण्णत्ति/5/280 ); ( राजवार्तिक/3/39/4/209 ); ( कार्तिकेयानुप्रेक्षा/128 )देखें इंद्रिय - 4।