शब्द प्रमाण: Difference between revisions
From जैनकोष
mNo edit summary |
mNo edit summary |
||
Line 3: | Line 3: | ||
<p class="HindiText">= आप्त के उपदेश को शब्द प्रमाण कहते हैं।</p> | <p class="HindiText">= आप्त के उपदेश को शब्द प्रमाण कहते हैं।</p> | ||
<li class='HindiText' id="1.5"><strong>शब्द प्रमाण का श्रुतज्ञान में अंतर्भाव</strong></li> | <li class='HindiText' id="1.5"><strong>शब्द प्रमाण का श्रुतज्ञान में अंतर्भाव</strong></li> | ||
(राजवार्तिक अध्याय 1/20/15/78/18) <p class="SanskritText">शाब्दप्रमाणं श्रुतमेव।</p> | |||
<p class="HindiText">= शब्द प्रमाण तो श्रुत है ही।</p> | <p class="HindiText">= शब्द प्रमाण तो श्रुत है ही।</p> | ||
<p><span class="GRef"> (गोम्मटसार जीवकांड/ भा.313)</span><p class="HindiText"> आगम नाम परोक्ष प्रमाण श्रुतज्ञान का भेद है। | <p><span class="GRef"> (गोम्मटसार जीवकांड/ भा.313)</span><p class="HindiText"> आगम नाम परोक्ष प्रमाण श्रुतज्ञान का भेद है। |
Revision as of 15:00, 22 December 2022
(न्यायदर्शन/सूत्र/मूल1/1/7/15)
आप्तोपदेशः शब्दः ॥7॥
= आप्त के उपदेश को शब्द प्रमाण कहते हैं।
(राजवार्तिक अध्याय 1/20/15/78/18)
शाब्दप्रमाणं श्रुतमेव।
= शब्द प्रमाण तो श्रुत है ही।
(गोम्मटसार जीवकांड/ भा.313)
आगम नाम परोक्ष प्रमाण श्रुतज्ञान का भेद है। देखें आगम 1.4 ।