अब्रह्म: Difference between revisions
From जैनकोष
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 16: | Line 16: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p> ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 58.132 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_58#132|हरिवंशपुराण - 58.132]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
तत्त्वार्थसूत्र अध्याय 7/16
मैथुनब्रह्म।
= मैथुन करना अब्रह्म है। ( तत्त्वार्थसार अधिकार 4/77)।
पुराणकोष से
ब्रह्म की विपरीत स्वभाववाली क्रिया, स्त्री-पुरुषों की मैथुनिक चेष्टा । हरिवंशपुराण - 58.132