वसंतसुंदरी: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वसुंधरपुर के राजा विंध्यसेन और रानी नर्मदा की पुत्री । इसे गुरुजनों ने युधिष्ठिर को देना निश्चित किया था किंतु युधिष्ठिर के लाक्षागृह की आग में जलकर मर जाने के समाचार से इसका युधिष्ठिर के साथ विवाह नहीं हो सका । तब यह संसार से विरक्त हुई और इसने दीक्षा ले ली थी । पांडवपुराण में इसके पिता—कौशांबी के राजा, माता का नाम विंध्यसेना तथा इसका नाम वसंतसेना बताया है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45. 70-72, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 13.73-99 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> वसुंधरपुर के राजा विंध्यसेन और रानी नर्मदा की पुत्री । इसे गुरुजनों ने युधिष्ठिर को देना निश्चित किया था किंतु युधिष्ठिर के लाक्षागृह की आग में जलकर मर जाने के समाचार से इसका युधिष्ठिर के साथ विवाह नहीं हो सका । तब यह संसार से विरक्त हुई और इसने दीक्षा ले ली थी । पांडवपुराण में इसके पिता—कौशांबी के राजा विंध्यसेन, माता का नाम विंध्यसेना तथा इसका नाम वसंतसेना बताया है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 45. 70-72, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 13.73-99 </span></p> | ||
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Revision as of 20:20, 6 January 2023
वसुंधरपुर के राजा विंध्यसेन और रानी नर्मदा की पुत्री । इसे गुरुजनों ने युधिष्ठिर को देना निश्चित किया था किंतु युधिष्ठिर के लाक्षागृह की आग में जलकर मर जाने के समाचार से इसका युधिष्ठिर के साथ विवाह नहीं हो सका । तब यह संसार से विरक्त हुई और इसने दीक्षा ले ली थी । पांडवपुराण में इसके पिता—कौशांबी के राजा विंध्यसेन, माता का नाम विंध्यसेना तथा इसका नाम वसंतसेना बताया है । हरिवंशपुराण 45. 70-72, पांडवपुराण 13.73-99