विजयघोष: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) चक्रवर्ती भरतेश और तीर्थंकर अरनाथ के बारह नगाड़ेपटहवाद्य । <span class="GRef"> महापुराण 37.183, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 7.24 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) चक्रवर्ती भरतेश और तीर्थंकर अरनाथ के बारह नगाड़ेपटहवाद्य । <span class="GRef"> महापुराण 37.183, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 7.24 </span></p> | ||
<p id="2">(2) राजा अर्ककीर्ति का हाथी । अर्ककीर्ति इसी हाथी पर बैठकर राजा अकंपन पर आक्रमण करने निकला था । <span class="GRef"> महापुराण 44.84-85 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.85 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) राजा अर्ककीर्ति का हाथी । अर्ककीर्ति इसी हाथी पर बैठकर राजा अकंपन पर आक्रमण करने निकला था । <span class="GRef"> महापुराण 44.84-85 </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 3.85 </span></p> | ||
<p id="3">(3) एक शख । यह वराहवासिनी एक देवी के द्वारा प्रद्युम्न को दिया गया था । <span class="GRef"> महापुराण 72.108-110 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) एक शख । यह वराहवासिनी एक देवी के द्वारा प्रद्युम्न को दिया गया था । <span class="GRef"> महापुराण 72.108-110 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
(1) चक्रवर्ती भरतेश और तीर्थंकर अरनाथ के बारह नगाड़ेपटहवाद्य । महापुराण 37.183, पांडवपुराण 7.24
(2) राजा अर्ककीर्ति का हाथी । अर्ककीर्ति इसी हाथी पर बैठकर राजा अकंपन पर आक्रमण करने निकला था । महापुराण 44.84-85 पांडवपुराण 3.85
(3) एक शख । यह वराहवासिनी एक देवी के द्वारा प्रद्युम्न को दिया गया था । महापुराण 72.108-110