कल्याणपूर्व: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> चौदह पूर्वों में ग्यारहवाँ पूर्व । इसमें छब्बीस करोड़ पद है इन पदों में सूर्य, चंद्रमा आदि ज्योतिषी देवों के संचार का, सुरेंद्र और असुरेंद्रकृत त्रेसठ शलाकापुरुषों के कल्याण का तथा स्वप्न, अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण और छिन्न इन अष्टांग निमित्तों और अनेक शकुनों का वर्णन है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 2.99, 10. | <span class="HindiText"> चौदह पूर्वों में ग्यारहवाँ पूर्व । इसमें छब्बीस करोड़ पद है इन पदों में सूर्य, चंद्रमा आदि ज्योतिषी देवों के संचार का, सुरेंद्र और असुरेंद्रकृत त्रेसठ शलाकापुरुषों के कल्याण का तथा स्वप्न, अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण और छिन्न इन अष्टांग निमित्तों और अनेक शकुनों का वर्णन है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#99|हरिवंशपुराण - 2.99]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_2#10|हरिवंशपुराण - 2.10]]-117 </span> | ||
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चौदह पूर्वों में ग्यारहवाँ पूर्व । इसमें छब्बीस करोड़ पद है इन पदों में सूर्य, चंद्रमा आदि ज्योतिषी देवों के संचार का, सुरेंद्र और असुरेंद्रकृत त्रेसठ शलाकापुरुषों के कल्याण का तथा स्वप्न, अंतरिक्ष, भौम, अंग, स्वर, व्यंजन, लक्षण और छिन्न इन अष्टांग निमित्तों और अनेक शकुनों का वर्णन है । हरिवंशपुराण - 2.99,हरिवंशपुराण - 2.10-117