सत्यदेव: Difference between revisions
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(1) वृषभदेव के उंतालीसवें गणधर । हरिवंशपुराण 12.62
(2) पुष्कलावती देश संबंधी शोभानगर के राजा प्रजापाल के शक्तिषेण सामंत का पुत्र । इसने अमितगति गणनी से साधुओं के स्तवन करने का नियम लिया था । इसकी अकर्मण्यता से शक्तिषेण क्षुब्ध था । इसने दु:खी होकर आगामी भव में भी पिता का स्नेहपात्र होने का निदान किया तथा यह द्रव्यालिंगी मुनि हो गया था । पिता के स्नेह से मोहिन होकर यह मरा और लोकपाल हुआ । महापुराण 46. 94-96, 100, 121-122