आलब्ध: Difference between revisions
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<p class="HindiText"> वन्दना के अतिचारों में से एक अतिचार है। </p> | <p class="HindiText"> वन्दना के अतिचारों में से एक अतिचार है। </p> | ||
<p><span class="GRef"> अनगारधर्मामृत/8/98-111/822 </span><span class="SanskritGatha">उपध्यात्त्या क्रियालब्धमनालब्धं तदाशया। हीनं न्यूनाधिकं चूला चिरेणोत्तरचूलिका।109।<span class="HindiText"> उपकरणादि का लोभ हो जाने पर क्रिया करना आलब्ध। </span></p> | <p><span class="GRef"> अनगारधर्मामृत/8/98-111/822 </span><span class="SanskritGatha">उपध्यात्त्या क्रियालब्धमनालब्धं तदाशया। हीनं न्यूनाधिकं चूला चिरेणोत्तरचूलिका।109।<br> | ||
<span class="HindiText"> उपकरणादि का लोभ हो जाने पर क्रिया करना आलब्ध। </span></p> | |||
<p class="HindiText"> देखें [[ व्युत्सर्ग#1.10 | व्युत्सर्ग - 1.10]]।</p> | <p class="HindiText"> देखें [[ व्युत्सर्ग#1.10 | व्युत्सर्ग - 1.10]]।</p> |
Revision as of 13:32, 7 March 2023
वन्दना के अतिचारों में से एक अतिचार है।
अनगारधर्मामृत/8/98-111/822 उपध्यात्त्या क्रियालब्धमनालब्धं तदाशया। हीनं न्यूनाधिकं चूला चिरेणोत्तरचूलिका।109।
उपकरणादि का लोभ हो जाने पर क्रिया करना आलब्ध।
देखें व्युत्सर्ग - 1.10।