किष्कुपुर: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> वानरवंशी राजा श्रीकंठ द्वारा वानरद्वीप के किष्कु पर्वत की समतल भूमि पर बसाया गया नगर । यह चौदह योजन लंबा था और इसकी परिधि बयालीस योजन से कुछ अधिक थी । इसकी दक्षिण दिशा मे इंद्र विद्याधर द्वारा कलाग्नि विद्याधर के पुत्र यम की लोकपाल के रूप में नियुक्ति की गयी थी । किष्कुप्रमोद इसका अपरनाम था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 6. 1-5, 85.120-123, 7.114-115, 9.13 </span> | <span class="HindiText"> वानरवंशी राजा श्रीकंठ द्वारा वानरद्वीप के किष्कु पर्वत की समतल भूमि पर बसाया गया नगर । यह चौदह योजन लंबा था और इसकी परिधि बयालीस योजन से कुछ अधिक थी । इसकी दक्षिण दिशा मे इंद्र विद्याधर द्वारा कलाग्नि विद्याधर के पुत्र यम की लोकपाल के रूप में नियुक्ति की गयी थी । किष्कुप्रमोद इसका अपरनाम था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_6#1|पद्मपुराण - 6.1]]-5, 85.120-123, 7.114-115, 9.13 </span> | ||
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Latest revision as of 22:20, 17 November 2023
वानरवंशी राजा श्रीकंठ द्वारा वानरद्वीप के किष्कु पर्वत की समतल भूमि पर बसाया गया नगर । यह चौदह योजन लंबा था और इसकी परिधि बयालीस योजन से कुछ अधिक थी । इसकी दक्षिण दिशा मे इंद्र विद्याधर द्वारा कलाग्नि विद्याधर के पुत्र यम की लोकपाल के रूप में नियुक्ति की गयी थी । किष्कुप्रमोद इसका अपरनाम था । पद्मपुराण - 6.1-5, 85.120-123, 7.114-115, 9.13