सिद्धस्तूप: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> समवसरण के स्तूप । ये स्फटिक के समान निर्मल प्रकाशमान होते हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 57. 103 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> समवसरण के स्तूप । ये स्फटिक के समान निर्मल प्रकाशमान होते हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_57#103|हरिवंशपुराण - 57.103]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
समवसरण के स्तूप । ये स्फटिक के समान निर्मल प्रकाशमान होते हैं । हरिवंशपुराण - 57.103