सिंहनंदिता: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> रत्नपुर नगर के राजा श्रीषेण की बड़ी रानी । इसके पुत्र का नाम इंद्रसेन था । इसने आहारदान की अनुमोदना करके उत्तरकुरु क्षेत्र में उत्तम भोगभूमि की आयु का बंध किया था । <span class="GRef"> महापुराण 62. 340-341, 350 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> रत्नपुर नगर के राजा श्रीषेण की बड़ी रानी । इसके पुत्र का नाम इंद्रसेन था । इसने आहारदान की अनुमोदना करके उत्तरकुरु क्षेत्र में उत्तम भोगभूमि की आयु का बंध किया था । <span class="GRef"> महापुराण 62. 340-341, 350 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
रत्नपुर नगर के राजा श्रीषेण की बड़ी रानी । इसके पुत्र का नाम इंद्रसेन था । इसने आहारदान की अनुमोदना करके उत्तरकुरु क्षेत्र में उत्तम भोगभूमि की आयु का बंध किया था । महापुराण 62. 340-341, 350