जयनंदि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText">नन्दिसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप देवनन्दि के शिष्य तथा गुणनन्दि के गुरु थे। समय–विक्रम शक सं.३०८-३५८ (ई.३८६-४३६) | <p class="HindiText">नन्दिसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप देवनन्दि के शिष्य तथा गुणनन्दि के गुरु थे। समय–विक्रम शक सं.३०८-३५८ (ई.३८६-४३६)– देखें - [[ इतिहास#7.2 | इतिहास / ७ / २ ]]।</p> | ||
[[जयधवला | Previous Page]] | [[जयधवला | Previous Page]] |
Revision as of 20:20, 28 February 2015
नन्दिसंघ बलात्कारगण की गुर्वावली के अनुसार आप देवनन्दि के शिष्य तथा गुणनन्दि के गुरु थे। समय–विक्रम शक सं.३०८-३५८ (ई.३८६-४३६)– देखें - इतिहास / ७ / २ ।