स्फुरत्पीठ: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक पर्वत । इसका दूसरा नाम सुंदरपीठ है । देव और विद्याधर राजाओं ने यहाँ एक हजार आठ कलशों से राम-लक्ष्मण का अभिषेक किया था । लक्ष्मण ने कोटिशिला यही उठाई थी । यहाँ के निवासी सुनंद यक्ष ने लक्ष्मण को सौनंदक खड़ग भी यही दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.643-646 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक पर्वत । इसका दूसरा नाम सुंदरपीठ है । देव और विद्याधर राजाओं ने यहाँ एक हजार आठ कलशों से राम-लक्ष्मण का अभिषेक किया था । लक्ष्मण ने कोटिशिला यही उठाई थी । यहाँ के निवासी सुनंद यक्ष ने लक्ष्मण को सौनंदक खड़ग भी यही दिया था । <span class="GRef"> महापुराण 68.643-646 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:31, 27 November 2023
एक पर्वत । इसका दूसरा नाम सुंदरपीठ है । देव और विद्याधर राजाओं ने यहाँ एक हजार आठ कलशों से राम-लक्ष्मण का अभिषेक किया था । लक्ष्मण ने कोटिशिला यही उठाई थी । यहाँ के निवासी सुनंद यक्ष ने लक्ष्मण को सौनंदक खड़ग भी यही दिया था । महापुराण 68.643-646