अनंतचतुर्दशी व्रत: Difference between revisions
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व्रत विधान संग्रह/पृ. ८७ गणना-कुल समय = १४ वर्ष तक; उपवास = १४।<br>किशन सिंह क्रिया कोश विधि-१४ वर्ष तक प्रत्येक वर्ष अनन्तचतुर्दशी (भाद्रपद्र शु. १४) को उपवास। अनन्तनाथ भगवान् की पूजा। मन्त्र-"ओं नमो अर्हते भगवते अनन्ते अनन्तकेवलीय अनन्तणाणे अणंतकेवलदंसणे अणुपूजवासणे अनन्ते अनन्तागमकेवलिने स्वाहा" अथवा-यदि लम्बा पड़े तो "ओं ह्रीं अर्हं हं सः अनन्तकेवलिने नमः" इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।<br>[[Category:अ]] | व्रत विधान संग्रह/पृ. ८७ गणना-कुल समय = १४ वर्ष तक; उपवास = १४।<br> | ||
किशन सिंह क्रिया कोश विधि-१४ वर्ष तक प्रत्येक वर्ष अनन्तचतुर्दशी (भाद्रपद्र शु. १४) को उपवास। अनन्तनाथ भगवान् की पूजा। मन्त्र-"ओं नमो अर्हते भगवते अनन्ते अनन्तकेवलीय अनन्तणाणे अणंतकेवलदंसणे अणुपूजवासणे अनन्ते अनन्तागमकेवलिने स्वाहा" अथवा-यदि लम्बा पड़े तो "ओं ह्रीं अर्हं हं सः अनन्तकेवलिने नमः" इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।<br> | |||
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Revision as of 13:24, 1 May 2009
व्रत विधान संग्रह/पृ. ८७ गणना-कुल समय = १४ वर्ष तक; उपवास = १४।
किशन सिंह क्रिया कोश विधि-१४ वर्ष तक प्रत्येक वर्ष अनन्तचतुर्दशी (भाद्रपद्र शु. १४) को उपवास। अनन्तनाथ भगवान् की पूजा। मन्त्र-"ओं नमो अर्हते भगवते अनन्ते अनन्तकेवलीय अनन्तणाणे अणंतकेवलदंसणे अणुपूजवासणे अनन्ते अनन्तागमकेवलिने स्वाहा" अथवा-यदि लम्बा पड़े तो "ओं ह्रीं अर्हं हं सः अनन्तकेवलिने नमः" इस मन्त्र का त्रिकाल जाप्य।