स्थूलपुद्गल: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> पुद्गल का पाँचवा भेद । वे पुद्गल जो पृथक्-पृथक् किये जाने पर भी जल के समान परस्पर में मिल जाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24. 153, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.122 </span>देखें [[ पुद्गल ]]</p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पुद्गल का पाँचवा भेद । वे पुद्गल जो पृथक्-पृथक् किये जाने पर भी जल के समान परस्पर में मिल जाते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 24. 153, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 16.122 </span>देखें [[ पुद्गल ]]</p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
पुद्गल का पाँचवा भेद । वे पुद्गल जो पृथक्-पृथक् किये जाने पर भी जल के समान परस्पर में मिल जाते हैं । महापुराण 24. 153, वीरवर्द्धमान चरित्र 16.122 देखें पुद्गल