चौल: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> एक संस्कार-मुंडन कर्म । यह अन्नप्राशन संस्कार के पश्चात् संपन्न होता है । <span class="GRef"> महापुराण 15.164 </span><br> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक संस्कार-मुंडन कर्म । यह अन्नप्राशन संस्कार के पश्चात् संपन्न होता है । <span class="GRef"> महापुराण 15.164 </span><br> | ||
इस समय निम्न मंत्र बोले जाते हैं― उपनयनमुंठभागीभव, निर्ग्रंथमुंडभागी भव, निष्कांतिमुंडभागी भव, परमनिस्तारककेशभागी भव, परमेंद्रकेशभागी भव, परमराज्यकेशभागी भव, आर्हंत्यकेशभागी भव । <span class="GRef"> महापुराण 40.147-151 </span></p> | इस समय निम्न मंत्र बोले जाते हैं― उपनयनमुंठभागीभव, निर्ग्रंथमुंडभागी भव, निष्कांतिमुंडभागी भव, परमनिस्तारककेशभागी भव, परमेंद्रकेशभागी भव, परमराज्यकेशभागी भव, आर्हंत्यकेशभागी भव । <span class="GRef"> महापुराण 40.147-151 </span></p> | ||
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एक संस्कार-मुंडन कर्म । यह अन्नप्राशन संस्कार के पश्चात् संपन्न होता है । महापुराण 15.164
इस समय निम्न मंत्र बोले जाते हैं― उपनयनमुंठभागीभव, निर्ग्रंथमुंडभागी भव, निष्कांतिमुंडभागी भव, परमनिस्तारककेशभागी भव, परमेंद्रकेशभागी भव, परमराज्यकेशभागी भव, आर्हंत्यकेशभागी भव । महापुराण 40.147-151
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