ऐतिह्य: Difference between revisions
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<p class="HindiText">इतिहास का एकार्थवाची | <p class="HindiText">इतिहास का एकार्थवाची | ||
<h4 id="1.1" style="padding-left: 30px;">1.1 इतिहासका लक्षण</h4> | <h4 id="1.1" style="padding-left: 30px;">1.1 इतिहासका लक्षण</h4> | ||
<p style="text-align: justify; padding-left: 30px;"> महापुराण 1/25 इतिहास इतीष्टं तद् इति हासीदिति श्रुतेः। इति वृत्तमथै तिह्यमाम्नायं चामनस्ति तत् ।25। = `इति इह आसीत्' (यहाँ ऐसा हुआ) ऐसी अनेक | <p style="text-align: justify; padding-left: 30px;"> महापुराण 1/25 इतिहास इतीष्टं तद् इति हासीदिति श्रुतेः। इति वृत्तमथै तिह्यमाम्नायं चामनस्ति तत् ।25। = `इति इह आसीत्' (यहाँ ऐसा हुआ) ऐसी अनेक कथाओं का इसमें निरूपण होने से ऋषिगण इसे (महापुराणको) `इतिहास', `इतिवृत्त' '''`ऐतिह्य'''' भी कहते हैं ।25।</p> | ||
<p id="1.2" style="text-align: justify; padding-left: 30px;"><strong>1.2 ऐतिह्य प्रमाणका श्रुतज्ञानमें अन्तर्भाव</strong></p> | <p id="1.2" style="text-align: justify; padding-left: 30px;"><strong>1.2 ऐतिह्य प्रमाणका श्रुतज्ञानमें अन्तर्भाव</strong></p> | ||
<p style="text-align: justify; padding-left: 30px;"> राजवार्तिक 1/20/15/78/19 ऐतिह्यस्य च `इत्याह स भगवान् ऋषभः' इति परंपरीणपुरुषागमाद् गृह्यते इति श्रुतेऽन्तर्भावः। = `भगवान् | <p style="text-align: justify; padding-left: 30px;"> राजवार्तिक 1/20/15/78/19 ऐतिह्यस्य च `इत्याह स भगवान् ऋषभः' इति परंपरीणपुरुषागमाद् गृह्यते इति श्रुतेऽन्तर्भावः। = `भगवान् ऋषभ ने यह कहा' इत्यादि प्राचीन परम्परागत तथ्य '''ऐतिह्य''' प्रमाण है। इसका श्रुतज्ञान में अन्तर्भाव हो जाता है।</p> | ||
Revision as of 22:47, 10 October 2023
सिद्धांतकोष से
इतिहास का एकार्थवाची
1.1 इतिहासका लक्षण
महापुराण 1/25 इतिहास इतीष्टं तद् इति हासीदिति श्रुतेः। इति वृत्तमथै तिह्यमाम्नायं चामनस्ति तत् ।25। = `इति इह आसीत्' (यहाँ ऐसा हुआ) ऐसी अनेक कथाओं का इसमें निरूपण होने से ऋषिगण इसे (महापुराणको) `इतिहास', `इतिवृत्त' `ऐतिह्य' भी कहते हैं ।25।
1.2 ऐतिह्य प्रमाणका श्रुतज्ञानमें अन्तर्भाव
राजवार्तिक 1/20/15/78/19 ऐतिह्यस्य च `इत्याह स भगवान् ऋषभः' इति परंपरीणपुरुषागमाद् गृह्यते इति श्रुतेऽन्तर्भावः। = `भगवान् ऋषभ ने यह कहा' इत्यादि प्राचीन परम्परागत तथ्य ऐतिह्य प्रमाण है। इसका श्रुतज्ञान में अन्तर्भाव हो जाता है।
= देखें इतिहास - 1।
पुराणकोष से
इतिहास । महापुराण 1.25