साधुसमाधि: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> सोलह कारण भावनाओं में एक भावना― बाह्य और आभ्यंतर कारणों से मुनिसंघ के तपश्चरण में विघ्न आने पर मुनिसंघ की रक्षा करना । <span class="GRef"> महापुराण 63.325, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.139 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सोलह कारण भावनाओं में एक भावना― बाह्य और आभ्यंतर कारणों से मुनिसंघ के तपश्चरण में विघ्न आने पर मुनिसंघ की रक्षा करना । <span class="GRef"> महापुराण 63.325, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#139|हरिवंशपुराण - 34.139]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:30, 27 November 2023
सोलह कारण भावनाओं में एक भावना― बाह्य और आभ्यंतर कारणों से मुनिसंघ के तपश्चरण में विघ्न आने पर मुनिसंघ की रक्षा करना । महापुराण 63.325, हरिवंशपुराण - 34.139