सोमवंश: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> वृषभदेव का पौत्र और बाहुबलि का पुत्र सोमयश इस वंश का संस्थापक था । इस वंश का अपर नाम चंद्रवंश भी है । दान की प्रवृत्ति इसी वंश से आरंभ हुई थी । यह इक्ष्वाकुवंश से उत्पन्न हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 44.40, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13. 16, 33 </span></p> | <div class="HindiText"> वृषभदेव का पौत्र और बाहुबलि का पुत्र सोमयश इस वंश का संस्थापक था । इस वंश का अपर नाम चंद्रवंश भी है । दान की प्रवृत्ति इसी वंश से आरंभ हुई थी । यह इक्ष्वाकुवंश से उत्पन्न हुआ था । <span class="GRef"> महापुराण 44.40, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_13#16|हरिवंशपुराण - 13.16]], 33 </span></p> | ||
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Revision as of 15:30, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
हरिवंशपुराण 13/16 भगवान् ऋषभदेवकी दूसरी रानीसे बाहुबली नामका पुत्र उत्पन्न हुआ, उसके भी सोमयश नामका सुन्दर पुत्र उत्पन्न हुआ। `सोम' नाम चन्द्रमाका है सो उसी सोमयशसे सोमवंश अथवा चन्द्रवंशकी परम्परा चली। ( पद्मपुराण 10/13 ) पद्मपुराण 5/2 चन्द्रवंशका दूसरा नाम ऋषिवंश भी है। हरिवंशपुराण 13/16-17; पद्मपुराण 5/11-14 ।देखें इतिहास - 9.17।
पुराणकोष से
वृषभदेव का पौत्र और बाहुबलि का पुत्र सोमयश इस वंश का संस्थापक था । इस वंश का अपर नाम चंद्रवंश भी है । दान की प्रवृत्ति इसी वंश से आरंभ हुई थी । यह इक्ष्वाकुवंश से उत्पन्न हुआ था । महापुराण 44.40, हरिवंशपुराण - 13.16, 33