असुरकुमार: Difference between revisions
From जैनकोष
Jyoti Sethi (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> पाताल लोकवासी दस प्रकार के भवनवासी देवों में से एक । ये पाताल लोक में रहते हैं । इनकी उत्कष्ट आयु एक सागर से कुछ अधिक होती है तथा ऊँचाई पच्चीस धनुष । ये क्रोधी तथा भवनवासी नागकुमार देवों के विरोधी होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 67.173, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.63-68 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पाताल लोकवासी दस प्रकार के भवनवासी देवों में से एक । ये पाताल लोक में रहते हैं । इनकी उत्कष्ट आयु एक सागर से कुछ अधिक होती है तथा ऊँचाई पच्चीस धनुष । ये क्रोधी तथा भवनवासी नागकुमार देवों के विरोधी होते हैं । <span class="GRef"> महापुराण 67.173, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#63|हरिवंशपुराण - 4.63-68]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
पाताल लोकवासी दस प्रकार के भवनवासी देवों में से एक । ये पाताल लोक में रहते हैं । इनकी उत्कष्ट आयु एक सागर से कुछ अधिक होती है तथा ऊँचाई पच्चीस धनुष । ये क्रोधी तथा भवनवासी नागकुमार देवों के विरोधी होते हैं । महापुराण 67.173, हरिवंशपुराण - 4.63-68