उदित: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत के तडिदंगद विद्याधर और उसकी भार्या श्रीप्रभा का पुत्र । इसने पूर्वजन्म में मुनियों पर आये उपसर्ग से उनकी रक्षा की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.352-353 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1"> (1) विजयार्ध पर्वत के तडिदंगद विद्याधर और उसकी भार्या श्रीप्रभा का पुत्र । इसने पूर्वजन्म में मुनियों पर आये उपसर्ग से उनकी रक्षा की थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#352|पद्मपुराण - 5.352-353]] </span></p> | ||
<p id="1">(2) पदि्मनी नगरी के राजा विजयपर्वत के दूत अमृतस्वर का प्रथम पुत्र, मुदित का सहोदर । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39.84-86 </span>दीक्षित अवस्था में वसुभूति के जीव द्वारा किये गये उपसर्ग को इसने सहन किया था । भील ने उपसर्ग काल में इसकी रक्षा की थी । इसने भी पक्षी की पर्याय में भील के प्राण बचाये थे । <span class="GRef"> पद्मपुराण 39. 84-86, 128-140 </span></p> | <p id="1">(2) पदि्मनी नगरी के राजा विजयपर्वत के दूत अमृतस्वर का प्रथम पुत्र, मुदित का सहोदर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#84|पद्मपुराण - 39.84-86]] </span>दीक्षित अवस्था में वसुभूति के जीव द्वारा किये गये उपसर्ग को इसने सहन किया था । भील ने उपसर्ग काल में इसकी रक्षा की थी । इसने भी पक्षी की पर्याय में भील के प्राण बचाये थे । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_39#84|पद्मपुराण - 39.84-86]], 128-140 </span></p> | ||
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Revision as of 22:16, 17 November 2023
(1) विजयार्ध पर्वत के तडिदंगद विद्याधर और उसकी भार्या श्रीप्रभा का पुत्र । इसने पूर्वजन्म में मुनियों पर आये उपसर्ग से उनकी रक्षा की थी । पद्मपुराण - 5.352-353
(2) पदि्मनी नगरी के राजा विजयपर्वत के दूत अमृतस्वर का प्रथम पुत्र, मुदित का सहोदर । पद्मपुराण - 39.84-86 दीक्षित अवस्था में वसुभूति के जीव द्वारा किये गये उपसर्ग को इसने सहन किया था । भील ने उपसर्ग काल में इसकी रक्षा की थी । इसने भी पक्षी की पर्याय में भील के प्राण बचाये थे । पद्मपुराण - 39.84-86, 128-140