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<div class="HindiText"> जंबूद्वीप का रक्षक एक यक्ष । इसने जंबू स्वामी की कथा सुनकर आनंद नामक नाटक किया था । पूर्वभव में यह जंबूस्वामी के वंश में हुए एक धर्मप्रिय सेठ और उसकी पत्नी गुणदेवी का अर्हद्दास नाम का पुत्र था, <span class="GRef"> महापुराण 76.121-127, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.637 </span>जंबू वृक्ष पर निर्मित भवन का वासी यह देव किल्विषक जाति के सैकड़ों देवों से आवृत रहता है । इसने दशानन आदि तीनों भाइयों की विद्यासिद्धि में विभिन्न रूपों से उपद्रव किये थे तथा विद्या की सिद्धि होने पर उनको अर्चा भी की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 3.48, 7.237-312, 336 </span></p> | <div class="HindiText"> <p> जंबूद्वीप का रक्षक एक यक्ष । इसने जंबू स्वामी की कथा सुनकर आनंद नामक नाटक किया था । पूर्वभव में यह जंबूस्वामी के वंश में हुए एक धर्मप्रिय सेठ और उसकी पत्नी गुणदेवी का अर्हद्दास नाम का पुत्र था, <span class="GRef"> महापुराण 76.121-127, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 5.637 </span>जंबू वृक्ष पर निर्मित भवन का वासी यह देव किल्विषक जाति के सैकड़ों देवों से आवृत रहता है । इसने दशानन आदि तीनों भाइयों की विद्यासिद्धि में विभिन्न रूपों से उपद्रव किये थे तथा विद्या की सिद्धि होने पर उनको अर्चा भी की थी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 3.48, 7.237-312, 336 </span></p> | ||
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Revision as of 22:09, 16 September 2023
जंबूद्वीप का रक्षक एक यक्ष । इसने जंबू स्वामी की कथा सुनकर आनंद नामक नाटक किया था । पूर्वभव में यह जंबूस्वामी के वंश में हुए एक धर्मप्रिय सेठ और उसकी पत्नी गुणदेवी का अर्हद्दास नाम का पुत्र था, महापुराण 76.121-127, हरिवंशपुराण 5.637 जंबू वृक्ष पर निर्मित भवन का वासी यह देव किल्विषक जाति के सैकड़ों देवों से आवृत रहता है । इसने दशानन आदि तीनों भाइयों की विद्यासिद्धि में विभिन्न रूपों से उपद्रव किये थे तथा विद्या की सिद्धि होने पर उनको अर्चा भी की थी । पद्मपुराण 3.48, 7.237-312, 336