जांबूनद: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> शाम का मुख्य मंत्री । लक्ष्मण को मायामय सुग्रीव और वास्तविक सुग्रीव का भेद इसी ने बताया था । अपरनाम जांबव । बहुरूपिणी विद्या के साधक रावण को कुपित करने के लिए यह लंका गया था । अंत में यह शरीर से नि:स्पृह होकर भरत के साथ दीक्षित हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_47#39|पद्मपुराण - 47.39-40]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#58|पद्मपुराण - 54.58], 70.12-16, 88 1-9, </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> शाम का मुख्य मंत्री । लक्ष्मण को मायामय सुग्रीव और वास्तविक सुग्रीव का भेद इसी ने बताया था । अपरनाम जांबव । बहुरूपिणी विद्या के साधक रावण को कुपित करने के लिए यह लंका गया था । अंत में यह शरीर से नि:स्पृह होकर भरत के साथ दीक्षित हो गया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_47#39|पद्मपुराण - 47.39-40]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#58|पद्मपुराण - 54.58], 70.12-16, 88 1-9, </span></p> | ||
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Revision as of 15:10, 27 November 2023
शाम का मुख्य मंत्री । लक्ष्मण को मायामय सुग्रीव और वास्तविक सुग्रीव का भेद इसी ने बताया था । अपरनाम जांबव । बहुरूपिणी विद्या के साधक रावण को कुपित करने के लिए यह लंका गया था । अंत में यह शरीर से नि:स्पृह होकर भरत के साथ दीक्षित हो गया था । पद्मपुराण - 47.39-40,[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#58|पद्मपुराण - 54.58], 70.12-16, 88 1-9,