वज्रमाली: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p>इंद्रजित् का पुत्र । इसने राम पर उस समय आक्रमण किया था जब राम लक्ष्मण की निष्प्राण देह गोद में लिए हुए थे । जटायु के जीव ने इसे भ्रमित कर भगा दिया था । देवों के इस प्रभाव को देखकर इसे अपने ऐश्वर्य से वैराग्य उत्पन्न हो गया । फलस्वरूप सुंदर के पुत्र चारुरत्न के साथ मुनि रतिवेग के पास इसने दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#33|पद्मपुराण - 108.33-36]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#62|पद्मपुराण - 108.62-67]] </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText">इंद्रजित् का पुत्र । इसने राम पर उस समय आक्रमण किया था जब राम लक्ष्मण की निष्प्राण देह गोद में लिए हुए थे । जटायु के जीव ने इसे भ्रमित कर भगा दिया था । देवों के इस प्रभाव को देखकर इसे अपने ऐश्वर्य से वैराग्य उत्पन्न हो गया । फलस्वरूप सुंदर के पुत्र चारुरत्न के साथ मुनि रतिवेग के पास इसने दीक्षा ले ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#33|पद्मपुराण - 108.33-36]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_108#62|पद्मपुराण - 108.62-67]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:21, 27 November 2023
इंद्रजित् का पुत्र । इसने राम पर उस समय आक्रमण किया था जब राम लक्ष्मण की निष्प्राण देह गोद में लिए हुए थे । जटायु के जीव ने इसे भ्रमित कर भगा दिया था । देवों के इस प्रभाव को देखकर इसे अपने ऐश्वर्य से वैराग्य उत्पन्न हो गया । फलस्वरूप सुंदर के पुत्र चारुरत्न के साथ मुनि रतिवेग के पास इसने दीक्षा ले ली थी । पद्मपुराण - 108.33-36,पद्मपुराण - 108.62-67