नवविधि व्रत: Difference between revisions
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<p class="HindiText">किसी भी मास की चतुर्दशी से प्रारम्भ करके–चौदह रत्नों की १४ चतुर्दशी; नवनिधि की ९ नवमी; रत्नत्रय की ३ तीज; | <p class="HindiText">किसी भी मास की चतुर्दशी से प्रारम्भ करके–चौदह रत्नों की १४ चतुर्दशी; नवनिधि की ९ नवमी; रत्नत्रय की ३ तीज; पाँच ज्ञानों की ५ पंचमी; इस प्रकार ३१ उपवास करे। नमोकार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.९२) (किशनसिंह क्रियाकोश)।</p> | ||
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Revision as of 22:20, 1 March 2015
किसी भी मास की चतुर्दशी से प्रारम्भ करके–चौदह रत्नों की १४ चतुर्दशी; नवनिधि की ९ नवमी; रत्नत्रय की ३ तीज; पाँच ज्ञानों की ५ पंचमी; इस प्रकार ३१ उपवास करे। नमोकार मन्त्र का त्रिकाल जाप्य करे। (व्रत विधान संग्रह/पृ.९२) (किशनसिंह क्रियाकोश)।