निर्णय: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
(रा.वा./ | (रा.वा./1/13/3/58/9)–<span class="SanskritText">न हि यत एव संशयस्तत एव निर्णय:। </span>=<span class="HindiText">संशय का न होना ही निर्णय या निश्चय है। </span>न्या.सू./1/1/41 <span class="SanskritText">विमृश्य पक्षप्रतिपक्षाभ्यामर्थावधारणं निर्णय:।41। </span><span class="HindiText">तर्क आदि द्वारा पक्ष व प्रतिपक्ष में से किसी एक की निवृत्ति होने पर, दूसरे की स्थिति अवश्य ही होगी। जिसकी स्थिति होगी उसका निश्चय होगा। उसी को निर्णय कहते हैं। | ||
</span> | </span> | ||
<p> </p> | <p> </p> | ||
[[निर्जरानुप्रेक्षा | | <noinclude> | ||
[[ निर्जरानुप्रेक्षा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:न]] | [[ निर्दण्ड | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: न]] |
Revision as of 21:43, 5 July 2020
(रा.वा./1/13/3/58/9)–न हि यत एव संशयस्तत एव निर्णय:। =संशय का न होना ही निर्णय या निश्चय है। न्या.सू./1/1/41 विमृश्य पक्षप्रतिपक्षाभ्यामर्थावधारणं निर्णय:।41। तर्क आदि द्वारा पक्ष व प्रतिपक्ष में से किसी एक की निवृत्ति होने पर, दूसरे की स्थिति अवश्य ही होगी। जिसकी स्थिति होगी उसका निश्चय होगा। उसी को निर्णय कहते हैं।