मेघचंद्र: Difference between revisions
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<li class="HindiText"> नन्दि संघ बलात्कार गण में माणिक्य नन्दि के शिष्य तथा शान्ति कीर्ति के गुरु । समय− शक. ६०१-६२७ । | <li class="HindiText"> नन्दि संघ बलात्कार गण में माणिक्य नन्दि के शिष्य तथा शान्ति कीर्ति के गुरु । समय− शक. ६०१-६२७ । देखें - [[ इतिहास#7.2 | इतिहास / ७ / २ ]]। </li> | ||
<li class="HindiText"> नन्दिसंघ देशीयगण त्रैकाल्ययोगी के शिष्य, अभयनन्दि तथा नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती के सहधर्मा और वीरनन्दि तथा इन्द्रनन्दि के शिक्षा गुरु । इन्द्रनन्दि जी पहले आपके शिष्यत्व में थे, परन्तु पीछे विशेष अध्ययन के लिए अभयनन्दि की शरण में चले गये थे । कृति-ज्वालामालिनी कल्प ई. ९३९ में पूरा किया । समय ई. ९५०-९९९ । | <li class="HindiText"> नन्दिसंघ देशीयगण त्रैकाल्ययोगी के शिष्य, अभयनन्दि तथा नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती के सहधर्मा और वीरनन्दि तथा इन्द्रनन्दि के शिक्षा गुरु । इन्द्रनन्दि जी पहले आपके शिष्यत्व में थे, परन्तु पीछे विशेष अध्ययन के लिए अभयनन्दि की शरण में चले गये थे । कृति-ज्वालामालिनी कल्प ई. ९३९ में पूरा किया । समय ई. ९५०-९९९ । देखें - [[ इतिहास#7.5 | इतिहास / ७ / ५ ]]। </li> | ||
<li class="HindiText"> नन्दिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि तथा शुभचन्द्र के गुरु । शक १०३७ में समाधि हुई । समय- ई. १०२०-१११० । | <li class="HindiText"> नन्दिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि तथा शुभचन्द्र के गुरु । शक १०३७ में समाधि हुई । समय- ई. १०२०-१११० । देखें - [[ इतिहास#7.5 | इतिहास / ७ / ५ ]]। </li> | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
- नन्दि संघ बलात्कार गण में माणिक्य नन्दि के शिष्य तथा शान्ति कीर्ति के गुरु । समय− शक. ६०१-६२७ । देखें - इतिहास / ७ / २ ।
- नन्दिसंघ देशीयगण त्रैकाल्ययोगी के शिष्य, अभयनन्दि तथा नेमिचन्द्र सिद्धान्त चक्रवर्ती के सहधर्मा और वीरनन्दि तथा इन्द्रनन्दि के शिक्षा गुरु । इन्द्रनन्दि जी पहले आपके शिष्यत्व में थे, परन्तु पीछे विशेष अध्ययन के लिए अभयनन्दि की शरण में चले गये थे । कृति-ज्वालामालिनी कल्प ई. ९३९ में पूरा किया । समय ई. ९५०-९९९ । देखें - इतिहास / ७ / ५ ।
- नन्दिसंघ देशीयगण में सकलचन्द्र के शिष्य और वीरनन्दि तथा शुभचन्द्र के गुरु । शक १०३७ में समाधि हुई । समय- ई. १०२०-१११० । देखें - इतिहास / ७ / ५ ।