रहस्य: Difference between revisions
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<p>ध. | <p>ध. 1/1, 1, 1/44/4 <span class="SanskritText">रहस्यमन्तरायः, तस्य शेषघातित्रितयविनाशाविनाभाविनो भ्रष्टबीजवन्निःशक्तीकृता घातिकर्मणो.... । </span>=<span class="HindiText"> रहस्य अन्तराय कर्म को कहते हैं । अन्तरायकर्म का शेष नाश तीन घातियाकर्मों के नाश का अविनाभावी है और अन्तरायकर्म के नाश होने पर अघातिया कर्म भ्रष्ट बीज के समान निःशक्त हो जाते हैं । </span></p> | ||
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Revision as of 21:46, 5 July 2020
ध. 1/1, 1, 1/44/4 रहस्यमन्तरायः, तस्य शेषघातित्रितयविनाशाविनाभाविनो भ्रष्टबीजवन्निःशक्तीकृता घातिकर्मणो.... । = रहस्य अन्तराय कर्म को कहते हैं । अन्तरायकर्म का शेष नाश तीन घातियाकर्मों के नाश का अविनाभावी है और अन्तरायकर्म के नाश होने पर अघातिया कर्म भ्रष्ट बीज के समान निःशक्त हो जाते हैं ।