रामगिरि: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
| == सिद्धांतकोष से == | ||
मेघदूत की अपेक्षा अमरकंटक पर्वत और नेमिचरित की अपेक्षा गिरिनार पर्वत (नेमिचरित/प्र.)। | |||
[[रामकथा | | <noinclude> | ||
[[ रामकथा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[Category:र]] | [[ रामचंद्र | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | |||
[[Category: र]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<p> राम-लक्ष्मण द्वारा सेवित एक पर्वत । राम ने यहाँँ अनेक जिनमन्दिर बनवाये थे । अज्ञात-वास के समय पाण्डव कौशल देश से चलकर यहाँ आये थे और अज्ञातवास के बारह वर्षों में ग्यारह वर्ष उन्होंने इसी पर्वत पर बिताये थे । यहीं से चलकर वे विराट नगर गये थे । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 46. 17-23 </span></p> | |||
<noinclude> | |||
[[ रामकथा | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ रामचंद्र | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: र]] |
Revision as of 21:46, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == मेघदूत की अपेक्षा अमरकंटक पर्वत और नेमिचरित की अपेक्षा गिरिनार पर्वत (नेमिचरित/प्र.)।
पुराणकोष से
राम-लक्ष्मण द्वारा सेवित एक पर्वत । राम ने यहाँँ अनेक जिनमन्दिर बनवाये थे । अज्ञात-वास के समय पाण्डव कौशल देश से चलकर यहाँ आये थे और अज्ञातवास के बारह वर्षों में ग्यारह वर्ष उन्होंने इसी पर्वत पर बिताये थे । यहीं से चलकर वे विराट नगर गये थे । हरिवंशपुराण 46. 17-23