रुक्मणिव्रत: Difference between revisions
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<p class="HindiText">प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. ७ को एकाशन ८ को उपवास, ९ को पारणा, १० को उपवास, ११ को पारणा, १२ को उपवास, १३ को पारणा, १४ को उपवास, १५ को पारणा करे। इसे ८ वर्ष पर्यन्त करे तथा नमस्कार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान सं./पु. ९४)। | <p class="HindiText">प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. ७ को एकाशन ८ को उपवास, ९ को पारणा, १० को उपवास, ११ को पारणा, १२ को उपवास, १३ को पारणा, १४ को उपवास, १५ को पारणा करे। इसे ८ वर्ष पर्यन्त करे तथा नमस्कार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान सं./पु. ९४)। | ||
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Revision as of 15:25, 6 October 2014
प्रतिवर्ष भाद्रपद शु. ७ को एकाशन ८ को उपवास, ९ को पारणा, १० को उपवास, ११ को पारणा, १२ को उपवास, १३ को पारणा, १४ को उपवास, १५ को पारणा करे। इसे ८ वर्ष पर्यन्त करे तथा नमस्कार मन्त्र की त्रिकाल जाप्य करे। (व्रतविधान सं./पु. ९४)। रुक्मपात्रांकित तीर्थमंडलयंत्र−देखें - [[ यन्त्र रुक्मपात्रांकित वरुणमंडलयंत्र | यन्त्र। रुक्मपात्रांकित वरुणमंडलयंत्र ]]−देखें - [[ यन्त्रं रुक्मपात्रांकित व्रजमंडलयंत्र | यन्त्रं रुक्मपात्रांकित व्रजमंडलयंत्र ]]−देखें - यन्त्र।