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([[पाण्डवपुराण]] /सर्ग/श्लो.नं.) पूर्वके तीसरे भवमें सोममूति ब्राह्मणका पुत्र था /२३/८२। पूर्वके दूसरे भवमें अच्युत स्वर्गमें देव/२३/१०६। वर्तमान भवमें राजा पाण्डुका कुन्ती रानीसे पुत्र उत्पन्न हुआ/८/१७०-७३। अपर नाम धनंजय व धृष्टद्युम्न भी था/१९/२१२। द्रोणाचार्यसे शब्दवेधनी धनुर्विद्या पायी/८/२०८-२१६। तथा स्वयंवरमें गाण्डीव धनुष चढ़ाकर द्रौपदीको वरा/१५/१०५। युद्धमें दुर्योधन आदिक कौरवोंको परास्त किया/१९/९१। अन्तमें दीक्षा धारणकर ली। दुर्योधनके भानजेकृत उपसर्गको जीत मोक्ष प्राप्त किया/२५/१२-१७,५१-१३३। | ([[पाण्डवपुराण]] /सर्ग/श्लो.नं.) पूर्वके तीसरे भवमें सोममूति ब्राह्मणका पुत्र था /२३/८२। पूर्वके दूसरे भवमें अच्युत स्वर्गमें देव/२३/१०६। वर्तमान भवमें राजा पाण्डुका कुन्ती रानीसे पुत्र उत्पन्न हुआ/८/१७०-७३। अपर नाम धनंजय व धृष्टद्युम्न भी था/१९/२१२। द्रोणाचार्यसे शब्दवेधनी धनुर्विद्या पायी/८/२०८-२१६। तथा स्वयंवरमें गाण्डीव धनुष चढ़ाकर द्रौपदीको वरा/१५/१०५। युद्धमें दुर्योधन आदिक कौरवोंको परास्त किया/१९/९१। अन्तमें दीक्षा धारणकर ली। दुर्योधनके भानजेकृत उपसर्गको जीत मोक्ष प्राप्त किया/२५/१२-१७,५१-१३३।<br>[[Category:अ]] <br>[[Category:पाण्डवपुराण]] <br> |
Revision as of 10:14, 25 August 2008
(पाण्डवपुराण /सर्ग/श्लो.नं.) पूर्वके तीसरे भवमें सोममूति ब्राह्मणका पुत्र था /२३/८२। पूर्वके दूसरे भवमें अच्युत स्वर्गमें देव/२३/१०६। वर्तमान भवमें राजा पाण्डुका कुन्ती रानीसे पुत्र उत्पन्न हुआ/८/१७०-७३। अपर नाम धनंजय व धृष्टद्युम्न भी था/१९/२१२। द्रोणाचार्यसे शब्दवेधनी धनुर्विद्या पायी/८/२०८-२१६। तथा स्वयंवरमें गाण्डीव धनुष चढ़ाकर द्रौपदीको वरा/१५/१०५। युद्धमें दुर्योधन आदिक कौरवोंको परास्त किया/१९/९१। अन्तमें दीक्षा धारणकर ली। दुर्योधनके भानजेकृत उपसर्गको जीत मोक्ष प्राप्त किया/२५/१२-१७,५१-१३३।