वसुषेण: Difference between revisions
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म.पु./60/श्लोक सं.- ‘‘पोदनपुर नगर का राजा था।50। मलय देश के राजा चण्डशासन द्वारा स्त्री का अपहरण होने पर।51-52। दीक्षा धार ली और निदान बन्धसहित संन्यासमरण कर सहस्रारस्वर्ग में देव हुआ।64-57। | |||
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<p> पोदनपुर का राजा । इसकी पाँच सौ रानियाँ थी । इनमें नन्दा इसकी सर्वप्रिय रानी थी । मलयदेश का राजा चण्डशासन इसका मित्र था । इसकी रानी नन्दा को देखकर चण्डशासन मोहित हो गया था । अत वह उसे हरकर अपने देश ले गया था । इस दु:ख से दु:खी होकर इसने मुनि श्रेय से दीक्षा ले ली थी । आयु के अन्त में यह महाप्रतापी राजा होने का निदान कर संन्यासपूर्वक मरा और सहस्रार स्वर्ग में देव हुआ । <span class="GRef"> महापुराण 60.50-57 </span></p> | |||
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Revision as of 21:47, 5 July 2020
== सिद्धांतकोष से == म.पु./60/श्लोक सं.- ‘‘पोदनपुर नगर का राजा था।50। मलय देश के राजा चण्डशासन द्वारा स्त्री का अपहरण होने पर।51-52। दीक्षा धार ली और निदान बन्धसहित संन्यासमरण कर सहस्रारस्वर्ग में देव हुआ।64-57।
पुराणकोष से
पोदनपुर का राजा । इसकी पाँच सौ रानियाँ थी । इनमें नन्दा इसकी सर्वप्रिय रानी थी । मलयदेश का राजा चण्डशासन इसका मित्र था । इसकी रानी नन्दा को देखकर चण्डशासन मोहित हो गया था । अत वह उसे हरकर अपने देश ले गया था । इस दु:ख से दु:खी होकर इसने मुनि श्रेय से दीक्षा ले ली थी । आयु के अन्त में यह महाप्रतापी राजा होने का निदान कर संन्यासपूर्वक मरा और सहस्रार स्वर्ग में देव हुआ । महापुराण 60.50-57