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| श्रुतज्ञानका एक भेद - दे. श्रुतज्ञान II।<br>अनुयोगी – <br>(यह शब्द नैयायिक व वैशेषिक दर्शनकार आधार व आश्रयके अर्थमें प्रयुक्त करते हैं। द्रव्य अपने गुणोंका अनुयोगी है, परन्तु गुण अपने द्रव्यका नहीं, क्योंकि द्रव्य ही गुणका आश्रय है, गुण द्रव्यका नहीं)।<br>अनुराग – <br>दे राग।<br>अनुराधा – <br>एक नक्षत्र-दे. नक्षत्र।<br>अनुलोम – <br>([[पंचाध्यायी]] / पूर्वार्ध श्लोक संख्या २८८/भाषाकार) सामान्यकी मुख्यता तथा विशेषकी गौणता करनेसे जो अस्तिनास्तिरूप वस्तु प्रतिपादित होती है, उसको अनुलोमक्रम कहते हैं।<br>अनुवाद – <br>[[धवला]] पुस्तक संख्या १/१,१,२४/२०१/४ गतिरुक्तलक्षणा, तस्याः वदनं वादः। प्रसिद्धस्याचार्यपरम्परागतस्यार्थस्य अनु पश्चात् वादोऽनुवादः।<br>= गतिका लक्षण पहिले कह आये हैं। उसके कथन करनेको वाद कहते हैं। आचार्य परम्परासे आये हुए प्रसिद्ध अर्थका तदनुसार कथन करना अनुवाद है।<br>[[धवला]] पुस्तक संख्या १/१,१,१११/३४९/३ तथोपदिष्टमेवानुवदनमनुवादः।....प्रसिद्धस्य कथनमनुवादः।<br>= जिस प्रकार उपदेश दिया है, उसी प्रकार कथन करनेको अनुवाद कहते हैं। अथवा प्रसिद्ध अर्थके अनुकूल कथन करनेको अनुवाद कहते हैं।<br>अनुवीचिभाषण – <br>[[राजवार्तिक | राजवार्तिक]] अध्याय संख्या ७/५,१/५३६/१२ अनुवीचिभाषणं अनुलोमभाषणमित्यर्थः।<br>= अनुवीचिभाषण अर्थात् विचारपूर्वक बोलना <br>(चा.स. /९३/३)।<br>चा.प./टी./४९/११ वीची वाग्लहरी तामनुकृत्य या भाषा वर्तते सोऽनुवीचिभाषा, जिनसूत्रानुसारिणी भाषा अनुवीचिभाषा पूर्वाचार्यसूत्रपरिपाटीमनुल्लंध्य भाषणीयमित्यर्थः।<br>= वीची वाग्लहरी को कहते हैं उसका अनुसरण करके जो भाषा बोली जाती है सो अनुवीचिभाषण है। जिनसूत्रकी अनुसारिणीभाषा अमुवीची भाषा है। पूर्वाचार्यकृत सूत्रकी परिपाटीको उल्लंघन न करके बोलना, ऐसा अर्थ है।<br>अनुवृत्ति- <br>[[सर्वार्थसिद्धि]] अध्याय संख्या १/३३१४०/९ द्रव्यं सामान्यमुत्सर्गः अनुवृत्तिरित्यर्थः।<br>= द्रव्यका अर्थ सामान्य उत्सर्ग और अनुवृत्ति है।<br>[[स्याद्वादमंजरी]] श्लोक संख्या ४/१६/२ एकाकारप्रतीतिरेकशब्दवाच्यता चानुवृत्तिः।<br>= एक नामसे जाननेवाली प्रतीतिको अनुवृत्ति अथवा सामान्य कहते हैं। किसी धर्मकी विधिरूपसे वृत्ति या अनुस्यूतिको अनुवृत्ति कहते हैं। जैसे घटमें घटत्वकी अनुवृत्ति है।<br>([[न्यायदीपिका]] अधिकार ३/$७६)।<br>[[Category:अ]] <br>[[Category:वैशेषिक दर्शन]] <br>[[Category:पंचाध्यायी]] <br>[[Category:धवला]] <br>[[Category:राजवार्तिक]] <br>[[Category:सर्वार्थसिद्धि]] <br>[[Category:स्याद्वादमंजरी]] <br>[[Category:न्यायदीपिका]] <br> | | श्रुतज्ञानका एक भेद - <b>देखे </b>[[श्रुतज्ञान]] II।<br> |
| | [[Category:अ]] |
Revision as of 00:19, 8 May 2009