विमलनाथ: Difference between revisions
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<p class="HindiText">म.पु./५९/श्लोक नं.–पूर्वभव नं. २ में पश्चिम धातकी खण्ड के पश्चिम मेरु के वत्सकावती देश के रम्यकावती नगरी के राजा पद्मसेन थे।२–३। पूर्वभव नं. १ में सहस्त्रार स्वर्ग में इन्द्र हुए।१०। वर्तमान भव में १३वें तीर्थंकर | <p class="HindiText">म.पु./५९/श्लोक नं.–पूर्वभव नं. २ में पश्चिम धातकी खण्ड के पश्चिम मेरु के वत्सकावती देश के रम्यकावती नगरी के राजा पद्मसेन थे।२–३। पूर्वभव नं. १ में सहस्त्रार स्वर्ग में इन्द्र हुए।१०। वर्तमान भव में १३वें तीर्थंकर हुए।– देखें - [[ तीर्थंकर#5 | तीर्थंकर / ५ ]]।</p> | ||
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Revision as of 16:25, 6 October 2014
म.पु./५९/श्लोक नं.–पूर्वभव नं. २ में पश्चिम धातकी खण्ड के पश्चिम मेरु के वत्सकावती देश के रम्यकावती नगरी के राजा पद्मसेन थे।२–३। पूर्वभव नं. १ में सहस्त्रार स्वर्ग में इन्द्र हुए।१०। वर्तमान भव में १३वें तीर्थंकर हुए।– देखें - तीर्थंकर / ५ ।